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Written By
Amit Yadav -
Published on
January 14th, 2021 -
Updated on
June 1, 2021 -
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1 minute
भारत में इस पर्व को 14 या 15 जनवरी को मनाया जाता है। इसे मकर संक्रांति और ग्रामीण क्षेत्रों में खिचड़ी के नाम से भी जानते हैं। इस दिन खिचड़ी भारतीय रसोई में खिचड़ी विशेष तौर पर बनाई जाती है।हिंदू धर्म में ऐसी मान्यता है कि आज के दिन सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रविष्ट होता है। विभिन्न हिस्सों में इस पर्व को अलग अलग नाम से पुकारा जाता है
खिचड़ी बेहद ही पौष्टिक और सुपाच्य आहार माना गया है ।इसको अपनी डाइट में शामिल करने से पाचन क्षमता पर बुरा प्रभाव नहीं पड़ता ।यदि आपको बुखार गैस और अपच जैसी किसी भी समस्या से पीड़ित है। तो ऐसे में खिचड़ी को आहार के रूप में लेने से विशेष लाभ पहुंचता है ।खिचड़ी को खाने मात्र से पाचन क्रिया सुचारू रूप से कार्य करने लगती है। इससे वजन भी नियंत्रित होता है ।गर्भवती महिलाओं को भी खिचड़ी खाने से विशेष लाभ पहुंचता है। इस दौरान उनको कब्ज और अपच जैसी समस्या नहीं होती।
यदि आप सोने से पहले सुपाच्य भोजन यानी खिचड़ी खाते हैं तो इससे आपको अच्छी नींद आती है। ठंड के मौसम में आमतौर पर लोगों को डिनर में खिचड़ी देसी घी के साथ खाना खूब पसंद आता है ।वहीं गर्मियों की बात करें तो लोगों को गर्मियों में दही के साथ खिचड़ी खाने में बड़ा आनंद आता है। खिचड़ी खाने से आपका का वजन घटता है क्योंकि यह सुपाच्य भोजन के अंतर्गत आता है।
खिचड़ी को अपने आहार में शामिल करने से आपके शरीर की कार्यप्रणाली में विशेष रुप से सुधार होता है ।आपकी पाचन शक्ति मजबूत होती है जिसके परिणाम स्वरूप ब्लाटिंग और शुगर नियंत्रित रहती है और इम्यूनिटी सिस्टम में भी सुधार होता है।
डायबिटीज के रोगी को अपने आहार में खिचड़ी को शामिल करना चाहिए ।ऐसा करने से उनका शुगर लेवल कंट्रोल होता है ।इससे लोगों का वजन भी नियंत्रित होता है।
आपको यह जानकर हैरानी होगी की खिचड़ी को नियमित रूप से खाने से आपके शरीर में वात पित्त और कफ के दोष खत्म हो जाते हैं। इसके साथ ही यह आपकी इम्यूनिटी को बूस्ट करने में भी सहायक होती है।
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