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Written By
Amit Yadav -
Published on
January 24th, 2021 -
Updated on
June 1, 2021 -
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प्रयागराज को तीर्थों को राजा कहा जाता है। हिंदू धर्म में प्रयागराज एक बहुत ही पवित्र तीर्थ स्थल माना गया है ।यहां शहर गंगा ,यमुना और सरस्वती नदियों के किनारे बसा हुआ है। इसकी प्राचीनता के प्रमाण हमारे धार्मिक ग्रंथों एवं पुराणों में भी मिलते हैं ।मुगल सम्राट अकबर ने इस शहर का नाम प्रयागराज से बदल कर इलाहाबाद रख दिया था ।उर्दू भाषा में इलाहाबाद का शाब्दिक अर्थ ‘अल्लाह का बगीचा’ होता है।
पर्यटन की दृष्टि से भी प्रयागराज काफी लोकप्रिय स्थान माना है ।देश विदेश के पर्यटक यहां घूमने आते है। 12 वर्ष में एक बार यहां पर कुंभ मेला आयोजित किया जाता है ।इस अवसर पर भारत के कोने कोने से लोग मेले में उपस्थित होते हैं। भक्तगण इस धार्मिक मेले में बड़े ही श्रद्धा भक्ति के साथ पूजा पाठ करते हैं। प्रयागराज की गिनती प्रमुख तीर्थ स्थलों में की जाती है आर्थिक दृष्टि से भी क्षेत्र काफी विकसित हो चुका है।
प्रयागराज में बहुत से खूबसूरत दर्शनीय स्थल है । जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। चलिए आज हम कुछ ऐसे ही दर्शनीय स्थलों के बारे में जानते है।
दूरदराज से लोग यहां पर गंगा के किनारे आयोजित कुंभ मेले में डुबकी लगाने आते हैं। हिंदू धर्म मान्यता के अनुसार यहां पर स्नान करने से विशेष पुण्य प्राप्त होता है ।चार पवित्र तीर्थ स्थलों में प्रयागराज को सर्वाधिक महत्व दिया गया है क्योंकि यहां पर तीन नदियों का समागम है।
त्रिवेणी संगम इलाहाबाद सिविल लाइंस से तकरीबन 7 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। पर्यटन की दृष्टि से इसका विशेष महत्व है क्योंकि यहां पर तीन नदियों का मिलन होता है । गंगा ,यमुना और सरस्वती धार्मिक मान्यता के अनुसार काफी पवित्र नदियां मानी गई है इसलिए इस क्षेत्र का धार्मिक महत्व बहुत अधिक है।
इलाहाबाद की सबसे लोकप्रिय दर्शनीय स्थल खुसरो बाग की खूबसूरती भी देखते ही बनती है। खुसरू बाग का निर्माण मुगल बादशाह राजा जहांगीर के बेटे खुसरो ने करवाया था। आपको जानकर काफी दिलचस्प लगेगा कि इसी बाग में उनकी मां शाह बेगम की समाधि भी बनाई गई है। इस दृष्टि से यह हमारी ऐतिहासिक धरोहर के अंतर्गत आता है।
आनंद भवन जो कि हमारे देश के पहले प्रधानमंत्री का पूर्व निवास स्थल था। जिसे भारत में स्वतंत्रता आंदोलन के बाद इससे संबंधित सभी कलाकृतियों और लेखन को सहेज कर ।इसी भवन पर प्रदर्शन के लिए रखा गया है और यह भी इतिहास की एक धरोहर है। यह एक संग्रहालय है ।यहां पर प्रवेश करते ही आपके सामने इतिहास के पन्ने खुल जाएंगे ।जिसमें भारतीयों और विदेशियों के मध्य हुए संघर्ष की कहानियां बयां करने के लिए काफी साक्षी यहां पर मौजूद है।
इलाहाबाद में आए पर्यटकों के लिए आनंद भवन की के बगल में ही तारामंडल है जहां पर आप चंद्रमा का मॉडल देख सकते हैं। यहां आकर आपको कुछ ऐसा महसूस होगा कि जैसे कि आप वाकई चंद्रमा और जुपिटर की सैर कर रहे हैं तारामंडल को जवाहर संग्रहालय के नाम से भी जाना जाता है।
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